बिहार चुनाव संविधान बचाने और भविष्य संवारने की लड़ाई।

बिहार। में इस बार का चुनाव सिर्फ सत्ता बदलने का नहीं बल्कि लोकतंत्र और संविधान की लड़ाई बनता जा रहा है। महागठबंधन नेताओं का जिन्होंने शनिवार को नालंदा में एक प्रेस वार्ता कर राज्य और केंद्र की एनडीए सरकार पर तीखे सवाल उठाए।
मिली जानकारी के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। शनिवार को नालंदा में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान महागठबंधन ने एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए चुनाव को सिर्फ बिहार नहीं बल्कि पूरे देश में लोकतंत्र बचाने की लड़ाई का करार दिया। महागठबंधन नेताओं ने आरोप लगाया कि देशभर में लोकतंत्र को कमजोर करने की साज़िशें चल रही हैं। कभी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर हमला होता है तो कहीं बिहार में लाखों मतदाताओं को उनके अधिकार से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में एनडीए के शासन में हालात बद से बदतर हो चुके हैं। पलायन चरम पर है, शिक्षा व्यवस्था बदहाल है, नौकरियाँ लापता हैं, स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर है, और महिलाओं-बच्चों पर अपराध थम नहीं रहे। सड़कों का कोई अता-पता नहीं, और प्रशासनिक मशीनरी पूरी तरह ध्वस्त है।” महागठबंधन ने दावा किया कि चुनाव आयोग की निष्क्रियता के चलते कई मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए हैं। जो संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की खुली अवहेलना है। उन्होंने कहा कि बिहार अंधेर नगरी चौपट राजा जैसी स्थिति में पहुंच चुका है लेकिन जनता इस बार चुप नहीं बैठेगी। यह चुनाव बदलाव का है। जनता इस बार सबक सिखाएगी और महागठबंधन प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज कर बिहार में सुशासन की नई शुरुआत करेगा। महागठबंधन ने साफ-साफ ये भी कहा की आने वाले दिनों में वे भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और प्रशासनिक अराजकता जैसे मुद्दों को लेकर प्रदेश भर में जनजागरण अभियान चलाएंगे।





